यूं तो महिलाएं पार्टनर को खुश करने के लिए फेक ऑर्गेज्म का नाटक करती हैं ताकि उनकी सेक्स लाइफ सही बनी रहे। लेकिन क्या पुरुष भी ऐसा ही करते हैँ।
पर प्रकाशित खबर के मुताबिक, न्यूयॉर्क के पुरुषों ने माना है कि वे भी फेक ऑर्गेज्म का नाटक करते हैं। टाइम आउट द्वारा कराई गई रिसर्च के मुताबिक, जैसे महिलाएं कई कारणों से फेक ऑर्गेज्म करती हैं उन्हीं कारणों को ध्यान में रखकर पुरुष भी फेक ऑर्गेज्म करते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ केंसास के मुताबिक, महिलाएं पार्टनर को खुश करने, पार्टनर की नाराजगी से बचने, मूड ना होने पर भी सेक्स करने, समय से पहले डिस्चार्ज होने जैसे कारणों के कारण फेक ऑर्गेज्म करती है।
पर प्रकाशित खबर के मुताबिक, न्यूयॉर्क के पुरुषों ने माना है कि वे भी फेक ऑर्गेज्म का नाटक करते हैं। टाइम आउट द्वारा कराई गई रिसर्च के मुताबिक, जैसे महिलाएं कई कारणों से फेक ऑर्गेज्म करती हैं उन्हीं कारणों को ध्यान में रखकर पुरुष भी फेक ऑर्गेज्म करते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ केंसास के मुताबिक, महिलाएं पार्टनर को खुश करने, पार्टनर की नाराजगी से बचने, मूड ना होने पर भी सेक्स करने, समय से पहले डिस्चार्ज होने जैसे कारणों के कारण फेक ऑर्गेज्म करती है।
हार्वर्ड यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. अब्राहम ने इस पर एक किताब प्रकाशित पिछले साल प्रकाशित की थी। जिसका टाइटल था 'Why Men Fake It: The Totally Unexpected Truth About Men And Sex'। इस किताब को डॉ. ने मैन्स सेक्सुअल प्रॉब्लम्स को वर्षों तक सुलझाने के बाद लिखा था।
डॉ. अब्राहम ने दावा किया था कि कई पुरुष सेक्सुअली परफॉर्मेंस करने की कोशिश करते हैं बेशक वे मूड में नहीं होते तब भी।
डॉ. अब्राहम ने दावा किया था कि कई पुरुष सेक्सुअली परफॉर्मेंस करने की कोशिश करते हैं बेशक वे मूड में नहीं होते तब भी।
महिलाओं के लिए कुछ मामलों में फेक ऑर्गेज्म ठीक है क्योंकि प्यार करने से पहले ही वे बाकी कामों के कारण बहुत थक जाती हैं। वहीं महिलाओं को सिरदर्द की भी अधिक शिकायत रहती है। जबकि पुरुषों के लिए ये बात स्वीकार नहीं की जा सकती।
दरअसल, पुरुषों की छवि ऐसी बनी हुई है कि वे सेक्स के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ऐसे में पुरुषों पर दबाव बना रहता है कि उन्हें अच्छा ही परफॉर्म करना है।
डॉ. अब्राहम कहते हैं कि पुरुष अपनी परफॉर्मेंस को लेकर ज्यादा सजग रहते हैं। डॉ. कहते हैं कि 25 साल के अनुभवों के बाद उनके पास एक ऐसा केस भी आया जिसमें पुरुष अपने से ज्यादा अपने पार्टनर की चिंता करता था।
दरअसल, पुरुषों की छवि ऐसी बनी हुई है कि वे सेक्स के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ऐसे में पुरुषों पर दबाव बना रहता है कि उन्हें अच्छा ही परफॉर्म करना है।
डॉ. अब्राहम कहते हैं कि पुरुष अपनी परफॉर्मेंस को लेकर ज्यादा सजग रहते हैं। डॉ. कहते हैं कि 25 साल के अनुभवों के बाद उनके पास एक ऐसा केस भी आया जिसमें पुरुष अपने से ज्यादा अपने पार्टनर की चिंता करता था।
रिसर्च के मुताबिक, फेक ऑर्गेज्म बचपना है। फेक ऑर्गेज्म से आप पार्टनर के सामने ये साबित करना चाहते हैं कि आपने अच्छा काम किया है।
ये स्टडी सेक्सुअल बिहेवियर में प्रकाशित हुई थी। इस रिसर्च में यूएस की कॉलेज की उम्र की 481 सेक्सुअली एक्टिव महिलाओं को शामिल किया गया था। इनमें से अधिकत्तर का जवाब था कि वे अपने पार्टनर को दुखी नहीं करना चाहती।
हालांकि सेक्स थेरेपिस्ट ये कहते हैं कि फेक ऑर्गेज्म करने का कोई नुकसान नहीं है लेकिन ये हमेशा नहीं होना चाहिए नहीं तो आपकी सेक्स लाइफ को परेशानी में डाल सकता है।
ये स्टडी सेक्सुअल बिहेवियर में प्रकाशित हुई थी। इस रिसर्च में यूएस की कॉलेज की उम्र की 481 सेक्सुअली एक्टिव महिलाओं को शामिल किया गया था। इनमें से अधिकत्तर का जवाब था कि वे अपने पार्टनर को दुखी नहीं करना चाहती।
हालांकि सेक्स थेरेपिस्ट ये कहते हैं कि फेक ऑर्गेज्म करने का कोई नुकसान नहीं है लेकिन ये हमेशा नहीं होना चाहिए नहीं तो आपकी सेक्स लाइफ को परेशानी में डाल सकता है।