महिलाओं की सेक्स लाइफ किसी ना किसी कारणवश हमेशा चर्चा में रहती है। महिलाओं की सेक्स लाइफ अक्सर जी स्पॉट, क्लूटोरल और वैजाइनल ऑर्गेज्म जैसी चीजों को लेकर भी चर्चा में रहती है।
लेकिन अब एक रिसर्च में ये बात साफ हो गई है कि इन शब्दों में कोई सच्चाई नहीं है। यानी जीस्पॉट, वैजाइनल और क्लूटोरियल ऑर्गेज्म जैसी कोई चीज है ही नहीं।
कुछ समय पहले ही इस बात पर विश्वास किया जाने लगा था कि महिलाओं को बेहतर ऑर्गेज्म के लिए पुरुष का लिंग ही काफी नहीं है बल्कि जीस्पॉट और क्लूटोरिस से भी उत्तेजित तक चरमआनंद दिया जा सकता है।
पर प्रकाशित खबर के मुताबिक, ये रिपोर्ट क्लीनिकल एनॉटमी जनरल में छपी है। रिपोर्ट में कहा गया कि वैजाइनल और क्लूटोरल ऑर्गेज्म की जगह फीमेल ऑर्गेज्म ज्यादा बेहतर कॉन्सेप्ट है।
इटली के सेक्सोलोजिस्ट और रिसर्च के प्रमुख सहयोगी विंसेंजो पुपो ने कहा कि हर महिला को चरमआनंद आ सकता है यदि उसके उत्तेजित करने वाले अंगों को सही तरीके से उत्तेजित किया जाए।
वे आगे कहते हैं कि ये भी सच है कि अधिकत्तर महिलाओं को सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान ऑर्गेज्म नहीं होता। रिसर्च में ये भी पाया गया कि महिलाओं को सेक्सुअल डिस्फंशन की समस्या इसलिए आती है क्योंकि इसका कारण क्लूटोरिस का साइज छोटा होना या फिर वैजाइना और क्लूटोरिस के बीच की दूरी हो सकता है।
रिसर्च में ये बात सामने आई कि महिलाओं को किस करके को छुअन से पुरुषों के स्खलन के बाद भी चार्ज रखा जा सकता है और देर तक उत्तेजित करते हुए महिलाओं को चरमोत्कर्ष तक ले जाया जा सकता है।
लेकिन अब एक रिसर्च में ये बात साफ हो गई है कि इन शब्दों में कोई सच्चाई नहीं है। यानी जीस्पॉट, वैजाइनल और क्लूटोरियल ऑर्गेज्म जैसी कोई चीज है ही नहीं।
कुछ समय पहले ही इस बात पर विश्वास किया जाने लगा था कि महिलाओं को बेहतर ऑर्गेज्म के लिए पुरुष का लिंग ही काफी नहीं है बल्कि जीस्पॉट और क्लूटोरिस से भी उत्तेजित तक चरमआनंद दिया जा सकता है।
पर प्रकाशित खबर के मुताबिक, ये रिपोर्ट क्लीनिकल एनॉटमी जनरल में छपी है। रिपोर्ट में कहा गया कि वैजाइनल और क्लूटोरल ऑर्गेज्म की जगह फीमेल ऑर्गेज्म ज्यादा बेहतर कॉन्सेप्ट है।
इटली के सेक्सोलोजिस्ट और रिसर्च के प्रमुख सहयोगी विंसेंजो पुपो ने कहा कि हर महिला को चरमआनंद आ सकता है यदि उसके उत्तेजित करने वाले अंगों को सही तरीके से उत्तेजित किया जाए।
वे आगे कहते हैं कि ये भी सच है कि अधिकत्तर महिलाओं को सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान ऑर्गेज्म नहीं होता। रिसर्च में ये भी पाया गया कि महिलाओं को सेक्सुअल डिस्फंशन की समस्या इसलिए आती है क्योंकि इसका कारण क्लूटोरिस का साइज छोटा होना या फिर वैजाइना और क्लूटोरिस के बीच की दूरी हो सकता है।
रिसर्च में ये बात सामने आई कि महिलाओं को किस करके को छुअन से पुरुषों के स्खलन के बाद भी चार्ज रखा जा सकता है और देर तक उत्तेजित करते हुए महिलाओं को चरमोत्कर्ष तक ले जाया जा सकता है।